Diabetes Remedy : बस रोज पानी में मिलाकर पीना शुरू कर दें ये 5 पत्ते नहीं लेनी पड़ेगी इंसुलिन की दवा.

How to control diabetes : मधुमेह एक जीवनभर बनी रहने वाली मेडिकल कंडीशन है। यह शरीर में ब्लड शुगर और इंसुलिन के लेवल के असंतुलित होने से पैदा होती है। इसका उपचार करने के लिए रोगियों को जीवनशैली और खान-पान में बदलाव के इंसुलिन की दवा की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक औषधी और जड़ी-बूटियाँ भी इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।

आज के समय में मधुमेह (Diabetes) की शिकायत समान्य हो चुकी है। इसका वजह है गलत खान-पान और गतिहीन दिनचर्चा। हर दिन बढ़ती सुविधाओं के वजह से अब हर चीज घर बैठे ही ही उपलब्ध हो जाती है। मोबाइल और ऑनलाइन गेम्स के वजह से बच्चे आउटडोर गेम्स नहीं खेलते हैं। ऐसे में हर उम्र के लोग डायबिटीज के चपेट में आ रहे हैं।

डायबिटीज के लक्षण कुछ मामलों में गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद ही नजर आते हैं। हालांकि शरीर में शुगर लेवल बढ़ने पर आप बार-बार पेशाब लगना, अत्यधिक प्यास-भूख लगना, नजर का धुंधलापन, थकान, चिड़चिडापन, ज्यादा दिनों तक घाव के न भरने जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)के अनुसार, डायबिटीज देश में बढ़ती चुनौती की तरह है। इससे 20-70 उम्र के 8.7 प्रतिशत लोग ग्रसित हैं। डायबिटीज होने पर शरीर में शुगर लेवल को मेंटेन करने के लिए हर दिन इंसुलिन की दवा की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन कुछ हर्ब्स ऐसे हैं जो इंसुलिन का काम करते हैं और आपकी सेहत को बनाए रखते हैं।

शुगर कंट्रोल करने के लिए क्या करें-​गिलोय का जूस पिएं
डायबिटीज के मरीजों के लिए गिलोय फायदेमंद साबित हो सकता है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि गिलोय में ब्लड शुगर कम करने वाला गुण एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक पाया जाता है। इसे लाभों को पाने के लिए आप गिलोय की लता के जूस का सेवन कर सकते हैं।

मोरिंगा के पत्ते करते हैं इंसुलिन का काम

मोरिंगा या सहजन के सभी हिस्सों में औषधियों गुण पाए जाते हैं। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए सेहतमंद साबित हो सकते हैं। और खून में बढ़े शुगर के लेवल को कम कर सकते हैं। इसकी पत्तियों में भी एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं ऐसे में यदि आप इसे सीधे नहीं खाना चाहते तो पत्तियों से तैयार टैबलेट भी ले सकते हैं।

​नीम के पत्तों में है शुगर कंट्रोल करने वाले गुण
नीम के पत्ते खून में शूगर के बढ़ते लेवल को कम करने के लिए जाना जाता है। एनआईएच की एक स्टडी में बताया गया है कि नीम में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर कम होने की प्रक्रिया) होता है। ऐसे में यह प्रभाव ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में उपयोगी हो सकता है। वहीं नीम में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण भी मौजूद होता है। जिससे नीम डायबिटीज की समस्या से बचाव करने में भी सहायक हो सकता है। नीम के पत्तों का जूस या इसे चबाकर खाना अच्छा होता है।

अश्वगंधा के पत्ते काबू करते हैं डायबिटीज
अश्वगंधा को आयुर्वेद में कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। अश्वगंधा की जड़ और पत्तों पर 2009 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंस ने डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर एक स्टडी किया। कुछ समय बाद चूहों पर इसका सकारात्मक बदलाव को देखा गया। इस आधार पर माना जा सकता है कि अश्वगंधा डायबिटीज से बचाव में उपयोगी हो सकता है। आप इसके पत्तों का सेवन जूस या टेबलेट के रूप में कर सकते हैं।

एलोवेरा कंट्रोल करता है शुगर
एलोवेरा का सेवन डायबिटीज मरीजो के लिए सेहतमंद होता है। दरअसल, इसमे ऐसमैनन नाम का तत्व पाया जाता है जो हाइपोग्लाइसेमिक ग्लुकोज को कम करने का काम करता है। ऐसे में इसके नियमित सेवन से आप अपने बढ़े हुए शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। एलोवेरा जूस पीना अच्छा विकल्प होता है।