gwarpatha ke fayde : सिरदर्द में मिलता है आराम गंजे के सिर पर आ जाते हैं बाल ग्वारपाठा का गूदा करता है बड़े काम.

एलोवेरा
नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रीतिका मजूमदार के अनुसार ग्वारपाठे यानी ऐलो वीरा एक लाभकारी पौधा है. इसके नियमित इस्तेमाल से आप कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं.

ग्वारपाठा के फायदे
कोरफड जेलचे अनेक फायदे आहेत. कोरफड केस, त्वचा, यासह शरीरातील घाण काढण्यास उपायुक्त ठरते. जीभ साफ करण्यासाठी कोरफड जेलचा वापर फायदेशीर ठरतं. यासाठी जिभेवर कोरफड जेल लावून स्क्रब करा. यामुळे जीभ साफ होईल आणि दुर्गंधी देखील दूर होईल.

स्किन टोन अच्छी करता है ग्वारपाठा
एलोवेराबालत्वचा, मुंह से दुर्गंध, गालब्लेडर स्टोन, कब्ज, हाई ब्लड शुगर में फायदेमंद है.

ग्वारपाठा के फायदे
घी ग्वार के पत्ते को चीरकर इसके गूदे को निकालकर त्वचा पर दिन में 23 बार लगाने से जलन दूर होकर ठंडक मिलती है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है.

स्किन टैनिंग दूर करता है
ग्वारपाठा के छिलके को उतारकर इसे पीस लें फिर शरीर के जले हुए भाग पर लेप करें इससे जलन मिट जाती है और जख्म भी भर जाता है.

रंग निखारे ग्वारपाठा
एलोवेरा में गुलाब जल मिलाकर जांघों पर लगाने से आपको फर्क दिखने लगेगा. एलोवेरा का उपयोग हर तरह के ब्यूटी प्रोडेक्ट में देखने को मिल सकता है. ये स्किन को नमी प्रदान करके उसमें निखार लाता है.

1 दिन में पिंपल हटाने का उपाय
ग्वारपाठे के गूदे के चार भाग में दो भाग शहद मिलाकर जले हुए भाग पर लगाने से आराम मिलता है.

कैसे लगाएं ग्वारपाठा
सिर दर्द ग्वारपाठे का रस निकालकर उसमें गेहूं का आटा मिलाकर उसकी 2 रोटी बनाकर सेंक लें इसके बाद रोटी को हाथ से दबाकर देशी घी में डाल दें इसे सुबह सूरज उगने से पहले इसे खाकर सो जाएं इस प्रकार 57 दिनों तक लगतार इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार का सिर दर्द हो वह ठीक हो जाता है.

ऐलोविरा के फैट होता है कम
सिर में दर्द होने पर ग्वारपाठे के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारुहरिद्रा का चूर्ण मिलाकर गर्म करें और दर्द वालें स्थान पर इसे लगाकर पट्टी कर लें इससे दर्द ठीक हो जाएगा.

ग्वारपाठा सिर पर लगाएं
गंजापन लाल रंग का ग्वारपाठा जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर पर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर पर बाल उगने लगते हैं.

जख्म पर लगाएं ग्वारपाठा
कुत्ते के काटने पर ग्वारपाठे को एक ओर से छीलकर इसके गूदे पर पिसा हुआ सेंधानमक डालें, फिर इसे कुत्ते के काटे हुए स्थान पर लगा दें इस प्रयोग को लगातार दिन में 4 बार करने से लाभ मिलता है.